वेद मत शोधि शोधि
शोधि के पुराण सब
संत और असन्तं के भेद को बताओतो
कपटी क़ुराही क्रूर कलि के कुचालि जीव
कौन रामनामहु के चर्चा चलाओतो।
बेनी कवि कहे मानो मानो हो प्रतीत यह पावन हिये में कौन प्रेम उपजाओतो
भारी भवसागर उतारते कौन पार जो पै यह रामायण तुलसी न गावतो। ।
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