गुनगुनाती चहकती
फूलों से भी सुन्दर मेरी दीदी
गूंजते कानो में आपके हर शब्द
लिस्मानिया डोनावानी (Leishmania donovani) मालूम नहीं क्या है
पर याद है
हर सुबह शाम आपकी वो आवाज .. याद है
जनरेटर के बंद होते ही
जहाँ हम दो खुश होते
और आप सोचते
अब कैसे पढूंगी
अलग थे आप
सब याद आता है
अब सोचता हूँ कब सुनूंगा उस अमीबा को
गोल नंदन और सुरेश .. गोली और चपोली
न जाने कितने सारे नाम
सब याद आता है
कभी कभी सोचता हूँ कहाँ है वो ड्राम
जहाँ वो सब छुप गए है
अरे हाँ मेरे स्कूल में है कंही
पर खोज लेंगे अब तो जीपीएस है ...
और कह के जाता है हर पल ... आप यही तो हो
मेरी हर याद में
मेरी हर बात में
क्योंकि जो भी मैं हूँ सब आप ही से तो सीखा है
फूलों से भी सुन्दर मेरी दीदी
गूंजते कानो में आपके हर शब्द
लिस्मानिया डोनावानी (Leishmania donovani) मालूम नहीं क्या है
पर याद है
हर सुबह शाम आपकी वो आवाज .. याद है
जनरेटर के बंद होते ही
जहाँ हम दो खुश होते
और आप सोचते
अब कैसे पढूंगी
अलग थे आप
सब याद आता है
अब सोचता हूँ कब सुनूंगा उस अमीबा को
न जाने कितने सारे नाम
सब याद आता है
कभी कभी सोचता हूँ कहाँ है वो ड्राम
जहाँ वो सब छुप गए है
अरे हाँ मेरे स्कूल में है कंही
पर खोज लेंगे अब तो जीपीएस है ...
और कह के जाता है हर पल ... आप यही तो हो
मेरी हर याद में
मेरी हर बात में
क्योंकि जो भी मैं हूँ सब आप ही से तो सीखा है
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