Sunday, May 17, 2020

Prabhu ShriRam ji ke 10

                                                                      ! जय श्री राम !

रामायण ! हमने कितनी बार सुना , देखा और समझा है
आज आपके समक्ष एक नया पहलू लेके आ रहा हूँ।  यह मैंने एक प्रवचन के दौरान सुना

त्रेतावतार में प्रभु श्रीराम इन ऋषियों से मिले


१ . वशिष्ठ
२ . विश्वामित्र
३.  वाल्मीकि
४.  अगस्त्य
 
५ . परशुराम
६ . शरभंग
७ . सुदिक्षण
८ . अत्रि
९ . भरद्वाज
१० . नारद


इस दौरान प्रभु के १० ही परिकर  ( सेवक ) थे।

१ . लक्ष्मण
२ . हनुमान


३ . केवट
४ . जामवन्त
५ . नल
६ . नील
७ . जटायु
८ . सुग्रीव
९ . अंगद
१० .विभीषण

और प्रभु ने अपने अवतार काल में सिर्फ १० लोगो का वध किया




१. ताड़का
२. सुबाहु
३. मारीच
४. खर
५. दूषण
६. रावण
७. कुम्भकरण
८. त्रिसरा
९ कबंध
१० बाली

यह थे प्रभु के १०. जय श्री राम


Meri Didi

गुनगुनाती चहकती
फूलों से भी सुन्दर मेरी दीदी

गूंजते कानो में आपके हर शब्द
लिस्मानिया डोनावानी (Leishmania donovani) मालूम नहीं क्या है 
पर याद है
हर सुबह शाम आपकी वो आवाज  .. याद है

जनरेटर के बंद होते ही
जहाँ हम दो खुश होते
और आप सोचते
अब कैसे पढूंगी 
अलग थे आप
सब याद आता है
अब सोचता हूँ कब सुनूंगा उस अमीबा को 

गोल नंदन और सुरेश  .. गोली और चपोली
न जाने कितने सारे नाम
सब याद आता है
कभी कभी सोचता हूँ कहाँ है वो ड्राम
जहाँ वो सब छुप गए है
अरे हाँ मेरे स्कूल में है कंही
पर खोज लेंगे अब तो जीपीएस है  ...

और कह के जाता है हर पल ... आप यही तो हो
मेरी हर याद में
मेरी हर बात में
क्योंकि जो भी मैं हूँ सब आप ही से तो सीखा है