अर्थागमो नित्यमरोगिता च प्रियश्च भार्या प्रियवादिनी च ।
वश्यश्च पुत्रोऽर्थकरी च विद्या षड् जीवलोकस्य सुखानि राजन् ॥
ये है जिंदगी के ६ सुख , अगर हम इसे गौर से समझने की कोशिश करे तो इसका अर्थ और अच्छे से समझ आता है। आईये कोशिश करे
अर्थागमो नित्यं : अर्थ ( पैसा ) का हर रोज आगमन हो ,
निरोगिता च : शरीर निरोग हो, कोई शारीरिक मानसिक समस्या नहीं हो
प्रियश्च भार्या : पत्नी प्रिय हो
प्रियवादिनी च : और प्रिय बोलने वाली हो
वश्यश्च पुत्रो : पुत्र जो हो वो वश में हो
अर्थकरी च विद्या : ज्ञान ऐसा हो जो फल ( अर्थ ) देने वाला हो